राज्य सरकार ने प्रदेश में सरकारी स्तर पर खरीदे जा रहे लहसुन और प्याज को स्थानीय स्तर पर ही बिक्री किये जाने की अनुमति मांगी है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इस सम्बन्ध में भारत सरकार को पत्र लिखा गया है. कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी का कहना है कि केन्द्र सरकार की ओर से ट्रांसपोर्टेशन और हैण्डलिंग का जो खर्चा निर्धारित किया गया है वह कम है. यदि स्थानीय स्तर पर बिक्री की अनुमति मिल जाती है तो यह खर्चा बच सकेगा.इस सम्बन्ध में मंत्री प्रभुलाल सैनी की अध्यक्षता में हुई कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक में भारत सरकार को पत्र लिखने का निर्णय लिया गया, बैठक में मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे. प्रदेश में राजफैड, नैफेड और तिलम संघ के द्वारा यह सरकारी खरीद की जा रही है. लहसुन के लिये 32 रुपये 57 पैसे और प्याज के लिये 6 रुपये 18 पैसे प्रति किलो की दर केन्द्र सरकार द्वारा तय की गई है. केन्द्र सरकार से यदि अनुमति मिलती है तो सरकारी दर पर खरीदे जा रहे लहसुन और प्याज का प्रदेश में ही भण्डारण और बिक्री होगी,भारत सरकार ने 12 मई तक बाजार दखल योजना के आधार पर लहसुन और प्याज खरीद की अनुमति दी है. हाड़ौती अंचल में इस बार करीब साढ़े 7 लाख मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन हुआ है. ज्यादा उत्पादन के चलते किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं सीकर और अलवर जिले में इस बार प्याज का भी बम्पर उत्पादन हुआ है
सरकार ने लहसुन व प्याज की स्थानीय स्तर पर ही बिक्री की मांगी अनुमति